संतान प्राति के टोटके
स्त्री पुरुष दोनों स्वस्थ हों और संतान न होती हो, तो-
* कमर भर जल में एक सूती वस्त्र पहनकर स्नान करके खड़ा होकर सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पण करने से और कामना करने से स्वस्थ पुत्र की प्राप्ति होती है। यह स्त्री पुरुष दोनों को 108 दिन करनी चाहिये।
* यदि कोई स्त्री प्रतिदिन सायंकाल मछली के साथ तीन चिल्लू देशी मदिरा का सेवन 21 दिन तक करे, तो उसके तमाम योनि-गर्भाशय दोष दूर हो जाते हैं और वह पुरुष में शक्ति होने पर पुत्रवती होती है। वह पुरुष से अधिक शक्तिवान हुई तो पुत्री होती है।
• यदि कोई स्त्री, ज़ो स्वस्थ है, मोरपंख के गोल सिक्कों को काटकर खरल करके गाय के घृत के साथ 108 दिन तक 10 ग्राम हिसाब से खाती है, तो उसे प्रतिभावान् पुत्र होता है।
* अनार के पेड़ की जड़ को पीस कर दूध में पकाकर उसमें घी मिलाकर ऋतु के बाद तीनों दिनों तक सेवन करने और फिर सहवास करने से पुरुष में शक्ति होने पर स्त्री दीर्घजीवी संतान की जननी बनती है।
• पुष्य नक्षत्र में श्वेतार्क की जड़ को तांत्रिक विधि से लेकर गणपति मंत्र का जाप करते हुए घी, कालीमिर्च का हवन करके किसी स्त्री की कमर में बांधने से वह बन्ध्या भी हो, तो पुत्रवती होती है, बशर्ते कि पुरुष में शक्ति हो।
* ढाक के पांच कोमल पत्तों को दूध में पीसकर घी मिलाकर यदि ऋतुकाल के बाद 9 दिन तक सेवन करते रहकर प्रतिदिन रति की जाये तो बन्ध्या स्त्री भी पुत्रवती होती है, यदि पुरुष में शक्ति हो।
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