Swami Sri Sharnanand Ji Maharaj's Discourse in Hindi
स्वामी श्रीशरणानन्दजी महाराज जी का प्रवचन।
मेरा अपना अनुभव यह है कि स्वाधीनता न तो किसी और के द्वारा और न किसी वस्तु या परिस्थिति द्वारा मिलती है। यह स्वाधीनता तो अपने ही द्वारा प्राप्त करनी होती है। स्वाधीनता में न कोई सहायक है और न कोई बाधक है। यह जो हम लोग कहते हैं कि दूसरे लोगों ने हमारी स्वाधीनता छीन ली या दूसरे लोग हमको स्वाधीनता दे सकते हैं। पर ऐसी बात नहीं है। स्वाधीनता एक ऐसी चीज है जो कि अपने ही द्वारा प्राप्त की जा सकती है, किसी और के द्वारा प्राप्त नहीं की जा सकती।
Негізгі бет #Swami
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