44 तरस रहा हूँ (244)
तरस रहा हूँ मेरे प्रभु तुझसे जीवन पाने को
बन जा मेरा तू मेहमान कर तू मेरी ओर ध्यान ।
1. अजब कहानी मेरी है परदेशी मैं सारे जहान ( 2 )
करूणा कर तू मेरे नाथ मेरी ओर मेरी ओर ।
2. कितना भला कितना महान् तेरा प्यारा प्यारा नाम ( 2 )
करुणा कर तू मेरे नाथ मेरी ओर मेरी ओर ।
Composed by: Fr. Lalit Tigga S.J.
Негізгі бет तरस रहा हूँ मेरे प्रभु Taras raha hun mere Prabhu
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