आशिष अपनी ( 555 )
आशिष अपनी इस घर में
बरसा तू प्रभु प्यारे बन जाए यह सुंदर धाम
तेरे ही प्रभु चरण तले , ओ..ओ ..।
आशिष अपनी इस घर में
बरसा तू प्रभु प्यारे ।
1. चिर आनंद का यह प्रागण
ज्योति बने प्रभु तेरे संग
तेरी ही महिमा में , ओ..ओ ....।
2. जब भी संकट हमें सतावे
प्रभु ही रक्षक हमें सँभाले
जीवन भर हम गान करें
तेरी महिमा का संगीत, ओ .. ओ ...
Негізгі бет आशिष अपनी इस घर में (555) ashish apni is ghar mein barsa tu prabhu pyare
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