Is shreshth aadhyatmik path pradarshan ke liye dhanyvad
@kailashprasadsoni1702
5 күн бұрын
जीवन जीना कला है ,कला ही नहीं तपस्या है,जीने के लिये जीना बड़ी बात है। भौतिक और अध्यात्मिक जगत मेंपरमात्मा सेलगन लग जाय, यहींसाधना है।
@rksingh222
5 күн бұрын
यदि हम यह कहें कि जहां गति है वहां हमारी प्रगति है( चाहे वह भौतिक जगत के लिए हो या आध्यात्मिक ) और जब गति स्थिर हो जाएगी तो परमात्मा से मिलन हो जाएगा अर्थात प्रगति की संज्ञा उन्नति कहलायेगी। जय श्री राम
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