हमारा भारत कृषि के साथ साथ ऋषि प्रधान देश भी है जहां पुरुषों के साथ साथ स्त्रियों की शिक्षा को भी महत्व दिया गया गार्गी, अपाला जैसी अनेक स्त्रियाँ यहां गुरुकुल में रहकर ज्ञान प्राप्त करती थी एवं अपने ज्ञान को शास्त्रार्थ द्वारा प्रकट भी किया करती थी।
यहां तक कि कई शताब्दी पूर्व बच्चों के नाम भी माँ के नाम के साथ जोड़कर बुलाये जाते थे जैसे कुंती पुत्र युद्धिष्ठर, सुभद्रा पुत्र अभिमन्यु
इसी श्रृंखला में देखते गार्गी याज्ञवल्क्य संवाद जिसमें ब्रह्मनेष्ठी और ब्रह्मश्रोत्रि गुरु की पहचान बताई गई है चलिए चलते है राजा जनक के दरबार में......
Негізгі бет *यादें अवतरण दिवस की*
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