डिप्रेशन क्या है #what is depression #depression ki paribhasha #डिप्रेशन से छुटकारा #depression se
depression kya hai depression se kaise chhutkara payen chinta mukt kaise rahen kya depression ka shikar ho sakte hain depression ka shikar kab hote hain depression manushya ke liye Kitna khatarnak hai hamari manodsha ko kaise Badal deta hai depression depression mein aane wale vyakti kabhi Khush nahin rahte hamara dimag chintaon se gira ham chinta mukt kaise rahen chinta mukt Rahane ka sabse aasan tarika apni manodsha ko kaise badlen
झिझकने वाले हैं तो भय की भावना एकदम आपके अवचेतन मन में
मंडराने लगेगी। इससे पूर्व कि आप कुछ समझ पाएं आप सप्ताह गिनने
लगेंगे। यह डर, भय, प्रथम सप्ताह में आपके मन में स्पष्ट रूप से प्रकट
होने लगेगा। आपका भय बढ़ता जाएगा और तब तक निरन्तर बढ़ता
रहेगा, जब तक भाषण का निश्चित समय नहीं आ पहुंचेगा; उस समय
आपको जो कष्ट होगा, उसका तो कहना ही क्या ! इस भय के कारण
आपकी निद्रा, आपका विश्राम, आपकी एकाग्रता और आपकी कार्य-
शक्ति सब समाप्त हो गए।
न जाने कितनी बार हम इस प्रकार के कष्ट उठाते हैं। न जाने
कितनी ही बार हम अपनी कल्पना द्वारा पहले ही लज्जा, शर्म, अपकीर्ति
और असफलता भोगकर इन कष्टों की संभावना को और भी बढ़ा लेते
हैं। हमें जिस बात का भय होता है, वही हमारी ओर खिंचती चली आती
है । भय का स्वाभाविक परिणाम ऐसा ही है ।
इसके विपरीत यदि कहीं हम साहस के लिए अपने मन का द्वार
खोलें, केवल सफलता के ही दर्शन करें तो प्रतिदिन हमारा आत्म-
विश्वास दृढ़तर होता चला जाएगा और हमें यह कष्ट नहीं भोगने पड़ेंगे।
कुछ लोग सफलता पाने का प्रयत्न करते हैं और हर समय असफलता
के बारे में सोचते रहते हैं। यह कैसा विरोधाभास है ! यह तो दूध और
खटाई को एक ही पात्र में मिलाने जैसी बात है। मन से तो हम असफलता
की ओर झुके हुए हैं और प्रयत्न कर रहे हैं सफलता के लिए ! काम
किसी और चीज के लिए कर रहे हैं और आशा किसी और चीज की
कर रहे हैं! यह कैसा जीवन-दर्शन है ! यह कैसी फिलॉसफी है! सफलता,
समृद्धि, सुख, ये एक निश्चित नियम या कानून पर आश्रित हैं। इस नियम
या कानून को हम सुविधा के लिए 'आकर्षण का सिद्धान्त' कह सकते
हैं। सफलता का मूल आशावादी चिन्तन है। सफल होने के लिए हमें
सफलता की आशा करनी चाहिए। यदि हम असफलता की आशा करेंगे,
तो असफलता की तरफ ही गिरेंगे। जैसा बीज होगा वैसा ही तो फल
होगा ! इसीलिए भय को सबसे बड़ा शत्रु माना #kaviyon #haryanvi #kavisammelan #kavi #poetryevent #motivation #kavita #lakhmichand #motivational है। यह व्यक्ति को निरन्तर
निरुत्साहित करता रहता है और इस प्रकार उसे उस कार्य में भी असफल
बना देता है जिसकी उस व्यक्ति में सामर्थ्य थी ।
प्राचीन रोमन लोगों पर भय का इतना प्रभाव था कि उन्होंने इसका
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