सोते समय सांस का असामान्य रूप से चलना या रुक-रुक कर सांस लेना एक गंभीर समस्या हो सकती है, जो हृदय संबंधी रोगों का संकेत हो सकता है।
यह स्थिति "स्लीप एपनिया" के रूप में जानी जाती है।
स्लीप एपनिया एक ऐसी अवस्था है जिसमें सोते समय सांस रुक जाती है या बहुत हल्की हो जाती है।
स्लीप एपनिया के प्रकार:
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA): यह सबसे सामान्य प्रकार है, जिसमें गले के मांसपेशियों का अत्यधिक आराम होना और वायुमार्ग को ब्लॉक कर देना शामिल है।
सेंट्रल स्लीप एपनिया: इसमें मस्तिष्क और सांस लेने की मांसपेशियों के बीच का संकेत सही से काम नहीं करता।
कॉम्प्लेक्स स्लीप एपनिया सिंड्रोम: यह OSA और सेंट्रल स्लीप एपनिया का मिश्रण है।
स्लीप एपनिया से हृदय पर कैसे प्रभाव पड़ता है:
स्लीप एपनिया हृदय की धड़कन और रक्तचाप को बढ़ा सकता है, जिससे उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, और अनियमित धड़कन (अरीथमिया) का खतरा बढ़ जाता है।
यह स्थिति ऑक्सीजन के स्तर को घटा सकती है, जिससे हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
स्लीप एपनिया के लक्षण:
सोते समय तेज खर्राटे लेना
सांस रुकना या हांफना
दिन में अत्यधिक नींद आना
सुबह सिरदर्द
ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
यदि किसी को स्लीप एपनिया के लक्षण महसूस होते हैं, तो उन्हें चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। उचित निदान और उपचार के लिए स्लीप स्टडी (पॉलिसोम्नोग्राफी) की जा सकती है।
स्लीप एपनिया के उपचार:
जीवनशैली में परिवर्तन जैसे वजन कम करना, धूम्रपान छोड़ना, और शराब का सेवन कम करना
निरंतर पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (CPAP) थेरेपी
दवाइयाँ या सर्जरी, यदि आवश्यक हो
इसलिए, यदि सोते समय सांस की समस्याएं हैं तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह हृदय रोगों और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
Watch our Covid19 Related Video - • क्या COVISHIELD लगवाने...
Негізгі бет खर्राटे कैसे हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाते हैं ?
Пікірлер: 6